राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हमीरपुर में हिंदी दिवस समारोह: भाषा और संस्कृति का उत्सव
हमीरपुर, 13 सितम्बर 2025
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हमीरपुर में 13 सितम्बर 2025 को हिंदी दिवस के अवसर पर एक भव्य और उल्लासपूर्ण समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हिंदी विभाग और राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसने महाविद्यालय परिसर को भाषाई गौरव और सांस्कृतिक समृद्धि के रंग में रंग दिया।
कार्यक्रम का आरंभ परंपरागत रीति से माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। छात्रों द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना ने वातावरण में भक्ति और श्रद्धा का संचार किया, जिससे पूरा प्रांगण हिंदी भाषा और राष्ट्रीय एकता की भावना से गूँज उठा।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) औजेर अज़ीज़ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिंदी भाषा के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और हमारी साझी विरासत है। यह हमें सांस्कृतिक रूप से जोड़ती है और राष्ट्रीय पहचान प्रदान करती है। आधुनिक वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हिंदी का महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि यह आज विश्व के कई देशों में बोली और समझी जा रही है। हमें इस बात का गर्व होना चाहिए कि हिंदी न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही है।” उन्होंने छात्रों से हिंदी के प्रयोग और प्रसार में अपना योगदान देने का आह्वान भी किया।
इस कार्यक्रम का संयोजन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अमित गोयल के मार्गदर्शन में किया गया, जबकि मंच संचालन की जिम्मेदारी डॉ. मनीष कुमार और डॉ. शिल्पी राय ने बखूबी निभाई। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने हिंदी भाषा की महत्ता को रेखांकित करते हुए कविता-पाठ, निबंध-पाठ, वाद-विवाद प्रतियोगिता, नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की। विशेष रूप से, एक नाटक के माध्यम से हिंदी की प्रासंगिकता को आज के डिजिटल युग से जोड़कर प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों को खूब प्रभावित किया। इस नाटक में यह दर्शाया गया कि किस तरह हिंदी आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया के युग में भी अपनी महत्ता बनाए हुए है।
हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विविध प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इनमें कविता लेखन, भाषण, वाद-विवाद, पोस्टर निर्माण और नाटक जैसी प्रतियोगिताएँ शामिल थीं। निर्णायक मंडल द्वारा चयनित प्रतिभागियों को प्राचार्य महोदय और अन्य प्राध्यापकों द्वारा पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इन प्रतियोगिताओं ने न केवल छात्रों की रचनात्मकता को निखारा, बल्कि उनमें हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और जागरूकता भी पैदा की।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में छात्र-छात्राओं की ओजपूर्ण कविताओं ने हिंदी की मधुरता और सांस्कृतिक गहराई को व्यक्त किया। वहीं, NSS स्वयंसेवकों ने भाषा संरक्षण के महत्व पर एक सामूहिक संकल्प दिलाया, जिससे सभी उपस्थित लोगों ने हिंदी के प्रचार-प्रसार और संरक्षण में योगदान देने का वचन लिया।
अंत में, धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए आयोजकों ने प्राचार्य महोदय, सभी प्राध्यापकों, विद्यार्थियों और उपस्थित अतिथियों का हृदय से आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम ने न केवल हिंदी भाषा के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाई, बल्कि छात्रों में राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना भी जगाई।
संदेश:
“हिंदी हमारी संस्कृति की धरोहर है। इसे संवारना, अपनाना और आगे बढ़ाना हर भारतीय का दायित्व है।”
