पाँचवा विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2024 दिल्ली मे हुआ सम्पन्न। बद्दी मे बने बंकरमैन के संयंत्र रहे विशेष आकर्षण का केंद्र।
बद्दी 20 नवम्बर सतीश जैन
पर्यावरण एवं सामाजिक विकास संघ (ई एस डी ए), दिल्ली द्वारा आयोजित पाँचवा विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 16 से 18 नवंबर 2024 तक भव्यता से आयोजित
गया। तीन दिवसीय यह शिखर सम्मेलन एन डी एम सी कन्वेन्शन सेंटर नई दिल्ली से प्रारंभ हुआ और इसका समापन कार्यक्रम हंसराज कॉलेज नॉर्थ कॅम्पस, दिल्ली विश्व विद्यालय मे सम्पन्न हुआ। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई सी एम आर), डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज, हंसराज कॉलेज, अमेटी विश्व विद्यालय, जी डी गोयंका विश्व विद्यालय, विला कॉलेज (मालदीव), त्रिभुवन विश्व विद्यालय (नेपाल), और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण (यू एन ई) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से किया गया।
ई एस डी ए के अध्यक्ष तथा बंकरमैन के संस्थापक मेजर जनरल डॉ श्रीपाल, विशिष्ट सेवा मेडल (रिटायर्ड) ने बताया कि इस शिखर सम्मेलन मे बद्दी मे बने बंकरमैन के संयंत्र भी प्रदर्शित किये गये, जो अभी हाल ही मे देश के कई घरों, कार्यालयों, फैक्ट्रियों, रिफाइनरीज, प्रोजेक्ट्स व अन्य संस्थाओं मे लगने शुरू हो गये हैं। भारत की नई स्वदेशी तकनीक से बने ये संयंत्र वायु प्रदूषण को तो सफलता पूर्वक दूर कर ही रहे हैं, उसी के साथ इनसे एयर कन्डिशन्ड स्पेस मे एनर्जी की बचत भी आश्चर्य जनक रूप से एक बड़े पैमाने पर हो पा रही है। इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की गुवाहाटी रिफाइनरी से आए श्री प्रदीप कुमार बसुमतरी, चीफ जनरल मैनेजर व रिफाइनरी हेड ने बताया कि उन्होंने भी इन संयंत्रों का इस्तेमाल अपनी रिफाइनरी की एक डी डी सी एस कंट्रोल सेंटर की प्रोजेक्ट मे सफलता पूर्वक किया है और इनको दिए गये माप दंड़ों पर खरा उतरा पाया गया है।
सोमेन चक्रवर्ती, मैनेजर मैन्ट्नन्स (इलेक्ट्रिकल) गुवाहाटी रिफाइनरी ने इस सम्मेलन मे एक टेक्निकल पेपर भी प्रेजेंट किया जिसका शीर्षक था, “कोरोजन कंट्रोल और नेगटिव कोस्ट पर डायरेक्ट कार्बन कैप्चर की एक स्वदेशी तकनीक- एक केस स्टडी”। इस पेपर मे उन्होंने समझाया कि किस तरह उन्होंने बंकरमैन ब्रांड के संयंत्रों का अपने डी डी सी एस कंट्रोल रूम की एक प्रोजेक्ट मे इस्तेमाल करके अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कोरोजन से बचाया, कार्बन डाइआक्साइड को सोखकर इंडोर एयर क्वालिटी को इम्प्रूव किया और इसके साथ ही साथ उन्होंने अपने एयरकन्डिशनिंग प्लांट मे इस नई तकनीक के इस्तेमाल से 30 प्रतिशत से भी ज्यादा एनर्जी की बचत की। इस तरह से यह तकनीक दुनिया मे “डायरेक्ट कार्बन कैप्चर एट नेगेटिव कोस्ट” की पहली अनोखी तकनीक साबित हुई। इस नई तकनीक से उनका ये प्लांट अब पिछले करीब चार महीने से भी ज्यादा समय से बटन अप मोड मे सफलतापूर्वक काम कर रहा है। सोमेन चक्रवर्ती ने इस तकनीक को एक गेम चेंजर तकनीक बताया। उनकी इस सफलता को देखकर दूसरी रिफाइनरीज भी अब इस तकनीक को अपनाने के लिए आगे बढ़ रही हैं।
गुवाहाटी रिफाइनरी के इस नये प्रयोग की सफलता और वातावरण मे उनके अद्भुत योगदान को इस शिखर सम्मेलन मे सराहा गया और प्रदीप कुमार बसुमतरी, चीफ जनरल मैनेजर व रिफाइनरी हेड को “ई एस डी ए ग्रीन लीडरशिप अवॉर्ड 2024” से सम्मानित किया गया। श्री सोमेन चक्रवर्ती, मैनेजर मैन्ट्नन्स (इलेक्ट्रिकल) को भी इस नई तकनीक से रिफाइनरी के वातावरण मे विशेष सुधार करने के लिए “ई एस डी ए नैशनल ग्रीन अवॉर्ड 2024” से सम्मानित किया गया। डॉ श्रीपाल ने बताया कि बंकरमैन की इस इस नई
गुवाहाटी रिफाइनरी से आई इस टीम के अनूप सिंह, चीफ मैन्ट्नन्स मैनेजर (इलेक्ट्रिकल) और सोमेन चक्रवर्ती, मैनेजर मैन्ट्नन्स (इलेक्ट्रिकल) ने बंकरमैन मे लगे और भी संयंत्रों का निरीक्षण किया और इस घर के दो कमरों मे लगे संयंत्रों को रियल बटन अप कंडिशन्स मे भी करीब चार घंटे चलाकर परीक्षण किया जो कि पूर्णतया सफल रहा। इस परीक्षण से एक और महत्वपूर्ण निष्कर्ष ये निकला कि जैसे आजकल दिल्ली मे गंभीर प्रदूषण के कारण ग्रेप-4 लगने की स्थिति मे भी हम अपने आपको ऐसे घरों मे सुरक्षित रख पाएंगे जिनमे बंकरमैन के ये संयंत्र लगे हों। डॉ श्रीपाल ने बताया कि दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश मे स्थित ये घर दिल्ली के प्रदूषित वातावरण से तीन हजार पेड़ों से भी ज्यादा कार्बनडाइआक्साइड सोखता है। अगर इस तरह के संयंत्र दिल्ली के ज्यादातर घरों व कार्यालयों मे लगा दिए जाएं तो दिल्ली का पलूशन कुछ ही महीनों मे दूर किया जा सकता है। इस बारे मे वे अपने सुझाव केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को पहले भी दे चुके हैं लेकिन उन पर अमल होना बाकी है। अब क्योंकि दिल्ली मे प्रदूषण की हालत एक खतरनाक स्तर पर पहुच चुकी है तो इस शिखर सम्मेलन की समाप्ति के अवसर पर अब वो फिर से अपने सुझाव केंद्र व दिल्ली सरकार को तुरंत कार्यवाही करने के लिए भेजेंगे।
