किशोर एकेडमी पहुंचने पर अर्चना मिश्रा का महिला वर्ग में पहला स्थान प्राप्त करने पर किया गया जोरदार स्वागत
बद्दी 4 अक्तूबरसतीश जैन
हिमाचल प्रदेश योगासन एसोसिएशन द्वारा नालागढ में आयोजित राज्य स्तरीय योगासन प्रतियोगिता के अन्तर्गत (महिला वर्ग 35-45 वर्ष) में किशोर योगा एकेडमी की शिक्षार्थी अर्चना मिश्रा ने पहला स्थान प्राप्त करके एकेडमी का नाम रोशन किया है ।![]()
इस दौरान योग संस्थान में पहुंचने पर उनका फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया । गौरतलब है कि अर्चना पिछले एक वर्ष से जयादा समय से एकेडमी में योग सीखने आ रही है और योग से जुड़ने से पहले अनेक प्रकार की बिमारियों से ग्रस्त रही हैं । बकौल अर्चना का वजन भी एक वर्ष के दौरान अठारह किलो से ज्यादा कम हुआ है तथा जोड़ों का दर्द, माईग्रेन, तनाव, अनिद्रा, आलस्य, घबराहट, बेचैनी जैसी अनेकों बिमारियां पूरी तरह से ठीक हुई हैं । सबसे ज्यादा लाभ पथरी में हुआ है जोकि हर महीनें बनती थी और कई दिनों तक दर्द से कराहना पड़ता था । लेकिन अब लगातार योगाभ्यास से दो तीन महीने में पथरी बनती है और दर्द भी कम होता है ।
योगार्चाय डा. किशोर ठाकुर का कहना है कि अर्चना मिश्रा का प्रथम स्थान हासिल करना अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणाश्रोत है । क्योंकि पन्द्रह महिने पहले जब इन्होंने योग में प्रवेश लिया तो यह नीचे आसन लगाने में भी असमर्थ थी लेकिन योग के प्रति इनकी अटूट निष्ठा, नियमित योग कक्षा में आना और पूरे मनोयोग से परिश्रम करने से न केवल शरीर की बिमारियों को ठीक किया है अपितू चालीस वर्ष की आयु पार करने के उपरान्त भी योगा चैम्पियनशीप में पहला स्थान प्राप्त किया है । यह प्रेरणा है उन महिलाओं के लिए जो 35-40 वर्ष की आयु में अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित होकर दवाईयों की गुलाम हो जाती हैं । क्योंकि कोई भी व्यक्ति यदि यह संकल्प लेकर योग से जुडता है कि शरीर ही नहीं मानसिक तौर पर भी हर बिमारी को हराकर दम लेंगे उसके लिए योग किसी चमत्कार से कम नहीं है । बशर्ते योगाभ्यास नियमित बिना छुट्टी लिए किया जाए और साथ में आहार चर्या, दिन चर्या का विशेष ध्यान रखा जाये । इस अवसर पर उनके कोच सुरेन्द्र सिंह, ज्योति शर्मा, श्रेया राॅय, गीता शर्मा, भारती ढोले, सिम्मी शर्मा, जीवन कुमारी, पूनम जम्वाल, बिपीन कुमार, बाबू राजन, नारायण राम, जसवंत सिंह आदि अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे ।
