नई दिल्लीः संसद सुरक्षा चूक मामले में लगातार गिरफ्तारी के बाद एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. इसी कड़ी में घटना के मास्टरमाइंड ललित झा के साथ एक अन्य आरोपी ने सरेंडर किया, जिसका नाम महेश शर्मा शामिल है. महेश भी संसद में हंगामा वाली घटना में शामिल होना था. लेकिन बाद में अचानक प्लान में बदलाव कर दिया गया. दरअसल, प्लान में बदलाव इसलिए किया गया क्योंकि जब घटना को अंजाम देकर फरार होना होगा तो शय देने के लिए कौन होगा? यानी कि आरोपियों को आश्रय देने की व्यवस्था कौन करेगा.
प्लान बनाने के दौरान ये सवाल उठने पर तय किया गया कि महेश यहीं नागौर में ही रहेगा. जब ये लोग घटना को अंजाम देने के बाद फरार होकर आएंगे तो उनके रुकने का इंतजाम महेश करेगा, जिसके बाद महेश का दिल्ली आना कैंसिल हो गया और जब घटना को अंजाम देने के बाद ललित 13 दिसम्बर की रात 10 बजे दिल्ली से नागौर बस से पहुंचा तो महेश ने होटल में रुकने का इंतजाम करवाया. फिर जब इनको लगा की पुलिस इनको ढूंढ रही है तो ये लोग नागौर से दिल्ली आ गए और थाने में सरेंडर कर दिया. पुलिस ने जानकारी दी है कि महेश पेश से मजदूर है.

सूत्रों के मुताबिक महेश और कैलाश आपस में चचेरे भाई हैं. ललित झा जब 13 दिसंबर को फरार हुआ था तो वो सीधा महेश और कैलाश के संपर्क में रहा था. महेश ने ही ललित झा को छिपने के लिए रूम दिलवाया था ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके. सभी मोबाइल फोन गायब करने में महेश और कैलाश की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. स्पेशल सेल दोनो से गायब फोन के संबंध में पूछताछ कर रही है. इस मामले में अब तक 9 लोग पकड़ लिए गए हैं. ललित झा ने पुलिस को बताया कि वह लगातार न्यूज चैनल देख रहा था, जिसके जरिए उसे पुलिस की हर मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी.
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FIRST PUBLISHED : December 15, 2023, 10:51 IST
