हाइलाइट्स
इंडिया गठबंधन में होकर भी जदयू की अकेली रैलियां.
महीने भर में यूपी, झारखंड और पटना में तीन रैलियां.
नीतीश की JDU एकला चलो की राह पर क्यों चल रहा?
पटना. लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है और तमाम दल इसकी तैयारी में भी जुट गए हैं. तैयारी में जदयू भी पूरे जोर-शोर से जुटी हुई है. एक के बाद एक रैली का आयोजन कर अपनी पार्टी को मजबूत कर रही है, लेकिन जदयू के इसी रैली की सियासत ने बिहार के सियासी हलके में थोड़ी हलचल मचा दी है. ये सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर जदयू अकेले ही रैली क्यों कर रही है?
बता दें कि जदयू की एकला चलो वाली रैली की शुरुआत सबसे पहले भीम संसद से शुरू हुई थी, जब पार्टी ने वेटनरी कॉलेज में दलित वोटरों को लुभाने के लिए बड़ी रैली की थी. 24 नवंबर को आयोजित की गई रैलीमें उमड़ी भीड़ ने जदयू को उत्साहित कर दिया. माना जा रहा है कि जदयू ने इस रैली के बहाने सहयोगी दलों को भी अपनी शक्ति दिखाने की कोशिश की है.
इसी रैली के बाद जदयू ने और भी रैलियों की घोषणा कर दी, लेकिन वो रैली भी जदयू अकेले ही कर रही है. भीम संसद के बाद जदयू ने बनारस में रैली की घोषणा की है, लेकिन फिलहाल जगह नहीं मिलने के बाद इसे नए साल में करने की घोषणा की गई है. वहीं, नए साल 2024 में ही 21 जनवरी को झारखंड के रामगढ़ में जदयू रैली करेगी और उसके बाद 24 जनवरी को पटना के वेटनरी ग्राउंड में भी एक रैली होने वाली है, लेकिन ये तमाम रैली जदयू अकेले कर रही है.
JDU-RJD साथ-साथ, जुदा-जुदा
जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि हर पार्टी अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है और जदयू भी वही कर रही है, लेकिन इसमें सियासत क्यों खोजा जा रहा है? अगर जदयू की रैली होगी और रैली सफल होगी तो उसका फायदा भी तो महागठबंधन और इंडिया गठबंधन को ही मिलेगा. ऐसा भी नहीं है आगे कोई रैली होगी तो जदयू अपने सहयोगियों को नहीं लेकर चलेगी. वहीं, आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं हर पार्टी अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है, अगर जदयू भी ऐसा कर रही है तो इसमें नया क्या है? हमारे कोई भी सहयोगी रैली करे तो इसका फायदा भी हमारे गठबंधन को ही मिलेगा, इसमें कोई राजनीति खोजने की कोई जरूरत नहीं है.

RJD के रुख को जदयू का जवाब
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्यय कहते हैं कि जदयू की अकेले रैली करने की वजह है और वो वजह भी साफ है क्योंकि जदयू इस बार जब से आरजेडी के साथ आई है, तब से कुछ महीने बाद ही असहज महसूस करने लगी थी. कई मौके आए जब आरजेडी के नेताओं के बयान से नीतीश कुमार नाराज हुए और आज भी आरजेडी के MLC आज भी लगातार इशारों में नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं, जिससे जदयू असहज हो जाती है और बयानबाजी भी तेज हो जाती है.
नीतीश देना चाहते हैं बड़ा मैसेज
रवि उपाध्याय कहते हैं कि ऐसे हालात में जदयू की कोशिश है कि वो रैली के बहाने ही सही बड़ी रैली कर अपने सहयोगियों और विरोधियों दोनों को मैसेज दे सके कि नीतीश कुमार का कद आज भी सबसे बड़ा है. इसके साथ ही रैली के माध्यम से नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर उभार कर इंडिया गठबंधन को भी मैसेज दिया जा सके और साथ ही रैली के बहाने जदयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं को उत्साहित भी किया जा सके.
.
Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Bihar politics, CM Nitish Kumar
FIRST PUBLISHED : December 15, 2023, 08:57 IST
