नई दिल्ली. क्या बुधवार को देश की संसद में हुए हंगामे के पीछे किसी आतंकवादी संगठन की भूमिका है? क्या इसके लिए विदेशों से फंडिंग हुई है? जी हां, अगर पुलिस की शुरुआती जांच पर नजर डाले तो ऐसा नजर आता है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस नजरिए से भी इस मामले की जांच कर रही है. दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को चार आरोपियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. वहां अदालत को बताया कि इन आरोपियों ने सदन की गरिमा को नुकसान पहुंचाया है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि जिस समय संसद में हंगामा किया, प्रधानमंत्री वहां मौजूद नहीं थे. इनके पास से कुछ आपत्तिजनक पैमफ्लेट मिले हैं. पुलिस की ओर से ये भी कहा गया कि इस घटना के पीछे किसी आतंकी संगठन की भूमिका हो सकती है. कौन-कौन लोग इस साजिश में शामिल हैं, उनकी पहचान करने के लिए आरोपियों से हिरासत में पूछताछ जरूरी है. ये भी पता करना है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में इन्होंने मीटिंग की थी, इन्हें इसके लिए कौन फंडिंग कर रहा था?
आतंकी घटना की तरह ही जाँच, पंद्रह दिनों की हिरासत मांगी थी
दिल्ली पुलिस की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपियों को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया. दरअसल दिल्ली पुलिस इस घटना को आतंकी घटना की तरह ही जाँच कर रही है. यही कारण है कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में UAPA को धारा 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया है. UAPA के तहत दिल्ली पुलिस आरोपियों के साथ 30 दिनों तक हिरासत में पूछताछ कर सकती है. पुलिस ने आज पंद्रह दिनों की हिरासत मांगी थी.

दोषी पाये जाने पर उम्र क़ैद तक को सजा का प्रावधान
UAPA कानून आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ बना सख्त कानून है. पुलिस ने जो मामला दर्ज किया है. उसकी धारा 16 के तहत आतंकी घटना के लिए ज़िम्मेदार लोगों के लिए सजा का प्रावधान है. इसके तहत दोषी पाये जाने पर उम्र क़ैद तक को सजा का प्रावधान है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ UAPA की धारा 18 के तहत आतंकी घटना के षड्यंत्र को परिभाषित किया गया है. यानी पुलिस को संदेह है कि इस घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश थी. जिस कारण षडयंत्र की धारा भी लगाई गई है. इसके तहत भी उम्र क़ैद की सजा का प्रावधान है.
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FIRST PUBLISHED : December 14, 2023, 18:44 IST
