हाइलाइट्स
बेनीवाल हाल ही में खींवसर से विधायक चुने गए हैं
हनुमान बेनीवाल नागौर के खींवसर से चौथी बार विधायक बने हैं
2018 में आरएलपी का गठन कर राजस्थान में तीसरा मोर्चा बनाने का प्रयास किया था
जयपुर. संसद भवन में आज हुई घटना में घुसपैठियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले सांसद हनुमान बेनीवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हैं. वे राजस्थान के नागौर जिले से सांसद हैं. उन्होंने इस बार नागौर जिले के खींवसर से विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज कराई थी. उन्होंने अभी तक लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है. वे खींवसर से चौथी बार विधायक बने हैं. पश्चिमी राजस्थान के जाट पट्टी में बेनीवाल का खासा दबदबा है. सोशल मीडिया पर वे खासे सक्रिय रहते हैं और उनकी फैन फॉलोविंग काफी बड़ी है.
हनुमान बेनीवाल मूलत: नागौर जिले के ही रहने वाले हैं. वे छात्रकाल से राजनीति में सक्रिय हैं. वे राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं. छात्र राजनीति से निकलने के बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थामा. साल 2008 में वे बीजेपी के टिकट पर खींवसर से पहली बार विधायक चुने गए. लेकिन उनका बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे से 36 का आंकड़ा हो गया. बाद में उन्होंने बीजेपी छोड़ दी.
राजस्थान में तीसरा मोर्चा खड़ा करने का प्रयास किया
उसके बाद बेनीवाल ने वर्ष 2013 में खींवसर से निर्दलीय चुनाव लड़ा और फिर जीत दर्ज कराई. फिर बेनीवाल ने राजस्थान में तीसरा मोर्चा खड़ा करने का प्रयास किया. उन्होंने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी खुद की नई पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाई. उनकी पार्टी ने पहले चुनाव में तीन विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कराई. इनमें खींवसर से वे खुद जीते और नागौर की मेड़ता सीट से इंदिरा बावरी तथा जोधपुर के भोपालगढ़ से पुखराज गर्ग विधायक बने.
कृषि कानूनों को लेकर एनडीए गठबंधन से अलग हो गए थे
विधानसभा चुनाव के बाद वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के समय वे एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए. लिहाजा एनडीए ने राजस्थान की नागौर सीट उनके लिए छोड़ दी. वे एनडीए प्रत्याशी के तौर पर नागौर के सांसद चुने गए. उन्होंने खींवसर की खाली हुई सीट पर उपचुनावों में अपने भाई नारायण बेनीवाल को उतारा. तब भी बीजेपी ने गठबंधन को देखते हुए वहां अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं किया और आरएलपी को समर्थन दिया. लेकिन बाद में कृषि कानूनों को लेकर वे एनडीए गठबंधन से अलग हो गए.
बेनीवाल की जीत का अंतर इस बार कम हो गया
इस बार उन्होंने फिर अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ा. लेकिन इस बार उनकी जीत का अंतर भी कम हो गया और अपनी पार्टी के वे केवल एकमात्र विधायक चुने गए. हनुमान बेनीवाल इस बार बीजेपी के रेंवतराम डांगा से महज 2059 वोटों से चुनाव जीते हैं. बेनीवाल पश्चिमी राजस्थान के नागौर के साथ ही जोधपुर, शेखावाटी और बीकानेर जिले में अपना प्रभाव रखते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2023, 18:05 IST
