इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले से बरी कर दिया गया है. इस फैसले के बाद उनके चुनाव लड़ने पर संशय के बादल छट गए हैं. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को अल अजीजिया संदर्भ मामले में नवाज शरीफ को बरी कर दिया. पीएमएल-एन सुप्रीमो के खिलाफ सभी आरोप, सजाएं और सजाएं हटा दी गईं, जिससे उनकी राजनीतिक वापसी के रास्ते खुल गए हैं. साथ ही अगले साल चुनाव में अगर शरीफ की पार्टी को बहुमत मिलता है तो अगले पीएम भी बन सकते हैं.
नवाज शरीफ के करीबी सूत्रों ने सीएनएन न्यूज18 को बताया कि यह फैसला “नवाज शरीफ के खिलाफ साजिश रचने वाले सभी लोगों की हार है.” उन्होंने कहा, “किसी को इस हद तक परेशान करना शर्मनाक है.” अल-अजीजिया मामला, भ्रष्टाचार के दो संदर्भों में से एक है जिसके कारण नवाज को दोषी ठहराया गया, जिसके परिणामस्वरूप सात साल की जेल की सजा हुई और कुल 1.5 बिलियन पाकिस्तानी रुपए और 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया गया था. यह संदर्भ सऊदी अरब में अल-अजीजिया स्टील मिल्स और हिल मेटल एस्टैब्लिशमेंट (एचएमई) की स्थापना के लिए धन के स्रोत के सबूत देने में विफल रहा था.

इस्लामाबाद हाई कोर्ट में दोबारा खोला गया था केस
इससे पहले, तीन बार के प्रधान मंत्री को दिसंबर 2020 में घोषित अपराधी घोषित किया गया था. नवाज ने मेडिकल आधार पर लंदन में शरण मांगी और इस साल अक्टूबर में ही पाकिस्तान लौट आए. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पहले अल-अजीजिया और एवेनफील्ड संदर्भों में नवाज की अपील को दोबारा केस खोला गया था. मंगलवार की सुनवाई के दौरान नवाज के वकील अमजद परवेज ने बेनामी मामलों में 13 अलग-अलग फैसलों का हवाला देते हुए नवाज के आश्रितों के संबंध में सबूतों की कमी के बारे में तर्क दिया. परवेज ने इस बात पर जोर दिया कि ट्रायल कोर्ट ने अपना फैसला मरियम नवाज, हसन नवाज और हुसैन नवाज द्वारा दायर नागरिक विविध आवेदनों पर आधारित किया था, न कि खुद नवाज द्वारा.
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FIRST PUBLISHED : December 12, 2023, 18:25 IST
