हाइलाइट्स
धीरज साहू के ठिकानों से अब तक 350 करोड़ से अधिक की बरामदगी.
जानिए कौन हैं धीरज साहू और कितना है साहू परिवार का राजनीति में प्रभाव.
धीरज साहू के आवास को क्यों कहा जाता है व्हाइट हाउस ऑफ लोहरदगा?
रांची. कांग्रेस सांसद धीरज साहू के रांची स्थित आवास पर मंगलवार को भी इनकम टैक्स की रेड हो रही है. इस दौरान बड़ी संख्या में सीआईएसएफ के जवानों को तैनात किया गया है. छापेमारी के दौरान महिला बल को भी बुलाया गया है. इनकम टैक्स के कई अधिकारी ओडिशा नंबर की गाडियों से रांची पहुंचे हैं. कांग्रेस नेता धीरज प्रसाद साहू के घर और कार्यालयों पर इनकम टैक्स की छापेमारी जारी है और अब तक 350 करोड़ से अधिक की नकदी आयकर विभाग ने बरामद की है. हालांकि, धीरज साहू से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य भी सामने आ रहे हैं जिन्हें आप जरूर जानना चाहेंगे.
धीरज साहू के पिता ने दान दिया था 47 किलो सोना
बता दें कि धीरज साहू के घर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के साथ साथ कांग्रेस के कई बड़े नेता भी पहुंच चुके हैं. पूर्व में अगर कोई नेता रांची आते थे, उनका ठिकाना साहू निवास ही होता था. दरअसल, धीरज साहू का परिवार शुरू से ही काफी संपन्न रहा है और भारतीय राजनीति मे भी परिवार का दबदबा रहा है. पिता स्वतंत्रता सेनानी रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 1947 में आजादी मिलने के बाद धीरज साहू के पिता बलदेव ने भारत सरकार को 47 लाख रुपए और 47 किलो सोना दान में दिए थे. ये उस दौर में भारत की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए थे.
पांच भाई में चार राजनीति में
धीरज साहू पांच भाई हैं, इनमें से चार भाई राजनीति में हैं. बड़े भाई शिव प्रसाद साहू का भी राजनीति मे काफी दबदबा रहा है. शिव प्रसाद साहू रांची से कांग्रेस के टिकट पर1980 और 1984 मे दो बार सांसद रहे हैं. 2001 में उनका निधन हो गया था. एक और भाई गोपाल साहू, हजारीबाग से सांसद का चुनाव लड चुके हैं. बीजेपी उम्मीदवार जयंत सिन्हा के खिलाफ गोपाल साहू ने कांग्रेस की टिकट पर अपनी किस्मत आजमाई थी, हालांकि वो चुनाव हर गए थे.

‘व्हाइट हाउस ऑफ लोहरदगा’
झारखंड में कांग्रेस के सबसे बड़ा गढ़ यह साहू परिवार ही माना जाता है. यही वजह है कि लोहरदगा में उनके घर को व्हाइट हाउस ऑफ लोहरदगा कहा जाता है. वह हर चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी धुरी बनते हैं. धीरज साहू पहली बार 2010 में राज्यसभा के लिए चुने गए और उसके बाद 2018 में वह तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा के सांसद बने हैं. साहू का परिवार कांग्रेस से गहरे तक जुड़ा है. धीरज साहू झारखंड से दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. इसके बाद कांग्रेस ने धीरज साहू को राज्यसभा भेजा तब से राज्य सभा सांसद हैं.
तीन बार से राज्य सभा सांसद
बता दें कि धीरज साहू ने 1977 में राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस के यूथ कांग्रेस में जुड़े. जिसके बाद पार्टी के कई पदों पर भी रहे. इसके बाद उन्होंने लोकसभा के लिए चतरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाई, हालांकि, इसमें सफलता उन्हें हाथ नहीं लगी. उसी वर्ष 2009 में ही धीरज साहू कांग्रेस की टिकट पर राज्य सभा सांसद बने. इसके बाद 2010 में वे दूसरी राज्य सभा सांसद के लिए चुने गए. तीसरी बार वर्ष 2018 मे तीसरी बार राज्यसभा से सांसद बने जिसका कार्यकाल 2024 के मार्च में समाप्त हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : December 12, 2023, 12:59 IST
