नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आदित्य L1 पर लगे सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) उपकरण के शटर ऑपरेशन को प्रदर्शित करने वाले नए दृश्य जारी किए हैं. इस उपकरण ने हाल ही में 200-400 एनएम तरंग दैर्ध्य रेंज में सूर्य की पहली पूर्ण-डिस्क छवियों को कैप्चर करने में सफलता हासिल की है. दरअसल यह ऑनबोर्ड कैमरे द्वारा 5 दिसंबर को कैप्चर किया गया वीडियो, SUIT जांच के एपर्चर को खोलने और बंद करने को दिखाता है. इससे पेलोड और थर्मल फिल्टर में सौर विकिरण के प्रवेश की सुविधा मिलती है.
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक मनीष पुरोहित ने कहा कि अगर सूर्य से आने वाले सभी विकिरण को ऑप्टिकल गुहा में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है, तो दर्पण और डिटेक्टर अत्यधिक गरम होने के कारण क्षतिग्रस्त हो जाएंगे. पुरोहित ने कहा, इसे रोकने के लिए, एक धातु का ढांकता हुआ थर्मल फिल्टर कार्यरत है, जो 200 एनएम से नीचे और 400 एनएम से ऊपर के अधिकांश सौर प्रवाह को दर्शाता है. उन्होंने कहा, इस रेंज में फ्लक्स का केवल 1 प्रतिशत SUIT के मुख्य ऑप्टिकल कक्ष में प्रेषित होता है.
The shutter of the Solar Ultraviolet Imaging Telescope (SUIT) onboard the #AdityaL1 spacecraft opening to take pictures of the Sun. pic.twitter.com/Uihzy0QcV9
— Indian Aerospace Defence News – IADN (@NewsIADN) December 11, 2023
डिटेक्टर पर फ्लक्स को संतुलित करने के लिए फिल्टर
पुरोहित ने आवृत्ति बैंड में डिटेक्टर पर फ्लक्स को संतुलित करने के लिए अलग-अलग फिल्टर के साथ दो फिल्टर पहियों के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया है. उन्होंने बताया कि विभिन्न आवृत्ति बैंड में डिटेक्टर पर फ्लक्स को संतुलित करने के लिए अलग-अलग फिल्टर के साथ दो फिल्टर व्हील हैं. वांछित संयोजन प्राप्त करने के लिए दो फ़िल्टर पहियों को स्वतंत्र रूप से चलाया जा सकता है. वांछित सिग्नल-टू-शोर अनुपात प्राप्त करने के लिए विभिन्न फ़िल्टर संयोजनों के साथ एक्सपोज़र को नियंत्रित करने के लिए शटर सिस्टम का उपयोग किया जाता है.

प्रकाशमंडल और क्रोमोस्फीयर की स्टडी में सहायता
आदित्य-एल1 पर एसयूआईटी जांच ने वैज्ञानिकों को सूर्य के धब्बों और विभिन्न क्षेत्रों की नई जानकारी दी है. इसकी बाहरी परतों- प्रकाशमंडल और क्रोमोस्फीयर के अध्ययन में सहायता मिली है. ये अवलोकन सूर्य के चुंबकीय वातावरण के अंतर्संबंध और पृथ्वी की जलवायु पर सौर विकिरण के प्रभाव को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2023, 21:26 IST
