सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और दर्शनशास्त्री रजनीश ‘ओशो’ ने अपने प्रवचन में जीवन की हर मुश्किल से निपटने का रास्ता बताया है. भारत के मशहूर विचारक ओशो ने 19 जनवरी 1990 को पुणे स्थित अपने आश्रम में देह त्याग दी थी. अपने संपूर्ण जीवकाल में हर विषय पर अलग और खुलकर राय देने की वजह से वह कई तरह के विवादों से घिरे रहे, लेकिन ये भी सच है कि उनके विरोधियों ने भी जब उन्हें समझा तो उन्हें नकार नहीं सके. पढ़ें तंत्र पर केंद्रित उनकी सबसे लोकप्रिय पुस्तक ‘संभोग से समाधि की ओर’ से चुनिंदा कोट्स-
