नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi Murder) की उनके घर के अंदर गोली मारकर हत्या करने के चार दिन बाद उन्हें गोली मारने के 2 आरोपियों रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को शनिवार को चंडीगढ़ में गिरफ्तार कर लिया गया. उनके साथ एक अन्य सहयोगी उधम सिंह भी था. जिसने कथित तौर पर उन्हें पुलिस से बचकर भागने में मदद की थी. गिरफ्तारी से बचने के लिए रोहित राठौड़ और नितिन फौजी ने 4 दिनों में 4 राज्यों की यात्रा की. चंडीगढ़ के जिस होटल से उन्हें गिरफ्तार किया गया, वहां रुकने के लिए भी उन्होंने फर्जी आईडी का भी इस्तेमाल किया.
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (क्राइम) रवींद्र यादव ने मीडिया को बताया कि 5 दिसंबर को जयपुर में गोगामेड़ी के घर पर हत्या करने के तुरंत बाद अधिकारियों ने शूटरों पर नजर रखनी शुरू कर दी थी. जयपुर से रोहित राठौड़ और नितिन फौजी एक टैक्सी में डीडवाना भाग गए और वहां से उन्होंने दिल्ली के लिए बस ली. दोनों हरियाणा के धारूहेड़ा में उतरे और एक ऑटोरिक्शा लेकर रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां से वे हिसार के लिए ट्रेन में सवार हुए. नितिन फौजी और रोहित राठौड़ 6 दिसंबर को हिसार रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए थे. फिर दोनों की मुलाकात उधम सिंह से हुई, जिन्होंने उन्हें पुलिस से छिपने में और मदद की.
सेना की ट्रेनिंग में हुई नितिन फौजी और उधम सिंह की दोस्ती
पुलिस के मुताबिक चार साल पहले एक ही सेंटर में भारतीय सेना के लिए प्रशिक्षण लेने के बाद नितिन फौजी का उधम सिंह से परिचय हो गया था. सिंह की मदद से दोनों शूटरों ने हिमाचल प्रदेश के मनाली के लिए एक टैक्सी किराए पर ली. जहां वे एक या दो दिन रुके और बाद में 9 दिसंबर को चंडीगढ़ वापस आ गए. तीनों ने चंडीगढ़ के होटल कमल पैलेस में कमरा बुक करने के लिए देवेंदर, जयवीर और सुखबीर के नाम से जाली आधार कार्ड का इस्तेमाल किया. तीनों के ठिकाने के बारे में सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस अपराध शाखा और राजस्थान पुलिस की एक टीम होटल पहुंची और शनिवार को तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. दिल्ली पुलिस रोहित और उधम को दिल्ली ले आई, जबकि नितिन फौजी राजस्थान पुलिस की हिरासत में रहा. अधिकारियों के मुताबिक रविवार को रोहित और उधम को भी जयपुर ले जाया गया. तीनों ने चंडीगढ़ से गोवा और आगे दक्षिण भारत की यात्रा करने की भी योजना बनाई थी.

हत्या की साजिश का खुलासा
पुलिस पूछताछ के दौरान नितिन फौजी ने कबूल किया कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या राजस्थान के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर और हथियार डीलर रोहित गोदारा और उसके करीबी वीरेंद्र चरण के निर्देश पर की गई थी. उन्होंने वादा किया कि अगर वह गोगामेड़ी की हत्या में उनकी मदद करेगा तो वे उसके लिए एक नकली पासपोर्ट और कनाडा के लिए वीजा की व्यवस्था करेंगे. नवंबर में हरियाणा पुलिस की एक टीम पर गोली चलाने के बाद फौजी पुलिस से बचकर भाग रहा था. रोहित गोदारा ने एक फेसबुक पोस्ट में गोगामेड़ी की हत्या के तुरंत बाद उसकी हत्या की जिम्मेदारी ली थी. वह लॉरेंस-गोल्डी बरार गिरोह का करीबी सहयोगी है. राठौड़ और फौजी ने देश से भागने की योजना बनाई थी. गोगामेड़ी को मारने के लिए कथित तौर पर दोनों को 50,000 रुपये देने का वादा किया गया था. उनसे यह भी कहा गया कि जब तक उन्हें वादे के मुताबिक पासपोर्ट और वीजा नहीं मिल जाता तब तक वे भूमिगत रहें. पुलिस के मुताबिक, रोहित राठौड़ का पहले आपराधिक रिकॉर्ड रहा है और वह कुछ समय जेल में भी रह चुका है.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2023, 06:46 IST
